श्री चक्कीवाले महादेव मंदिर का अस्तित्व लगभग १५० वर्ष से भी पुराना है ! वर्तमान
में मंदिर में जहाँ शिवलिंग स्थापित है , उस स्थान के नीचे इस मंदिर में सबसे पहले
आये "रामदीन" बाबा ने जीवित समाधी ली थी !
इसके बाद यहाँ "हरिहर" बाबा रहे थे और फिर हरिहर बाबा के बाद में श्री "शिवदानी"
बाबा ने इस मंदिर को अपना स्थान बनाया और इसे एक अलग पहचान दी !
श्री "शिवदानी" बाबा का लोकीक नाम ब्रह्मदत शर्मा था , इनके बारे में कहा जाता है
की यह जिस साधू संगत के साथ महू आये थे तब किसी ने इनका सारा सामान गायब
कर दिया था , और इनके पास मात्र एक लोटा बचा था और उसे अवस्था में ये मंदिर
आये थे, उनके सानीध्य में जो लोग शुरू से रहे थे उनमें से एक बाबा के कृपापात्र एवं
वर्तमान में बाबा के सेवक श्री "कैलाश जी शर्मा " के अनुसार "मंदिर में आने के बाद
शिवदानी बाबा लगातार तीन दिनों तक भूखे इस मंदिर में रहे , इसके बाद देवयोग से
इन्हें स्वप्न दर्शन हुआ की तुम्हे "कल" १ रूपये मिलेंगे, इसके दुसरे दिन तुम्हे कपडे
और तीसरे दिन भोजन की व्यवस्था होगी" !
श्री कैलाश जी शर्मा के अनुसार "जैसा उन्हें स्वप्न आया था ठीक वैसा ही हुआ ! उस
ज़माने में मंदिर रोज शाम को कुछ महिलाएं मंदिर परिसर में कीर्तन किया करती
थी, उन्ही में से किसी महिला ने शिवदानी बाबा को १ रूपये दिए, उसके दुसरे दिन
दुसरे महिला ने बाबा को धोती कुरता ला कर दिया और फिर तीसरे दिन बाबा के
लिए भोजन की व्यवस्था किसी के द्वारा करी गयी " !
शेष अगले पोस्ट में ......
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